मोदी सुरक्षा चूक मामले की जांच शुरू,पंजाब को सभी रिकॉर्ड जमा कराने के आदेश
नयी दिल्ली/ चंडीगढ़। गृह मंत्रालय की जांच टीम ने पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के समय उनके काफिले की सुरक्षा में हुई चूक की जांच शुरू कर दी है और बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी की गयी है।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की और राज्य सरकार को सभी रिकॉर्ड पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के कार्यालय में जमा कराने के आदेश दिये। न्यायालय में अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को करेगा। श्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक पर जांच के लिए गठित हुई केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जांच टीम पूर्वाह्न करीब सवा 10 बजे मिनट पर फिरोजपुर जिले में उस फ्लाईओवर पर पहुंची जहां श्री मोदी के काफिले को रोका गया था। टीम वहां 40 मिनट तक रही और विभिन्न जानकारियां जुटाई।
इसके साथ ही पंजाब पुलिस के कई शीर्ष अधिकारियों से इस मामले में पूछताछ की गई।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम सुबह चार बजे सीमा सुरक्षा बल मुख्यालय पहुंची, जिसके उपरांत टीम सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर फिरोजपुर के गांव प्यारेआना के उस फ्लाईओवर पर पहुंची जहां बुधवार को आंदोलनकारी किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोका था।
इस टीम की अध्यक्षता केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना और इसके सदस्य खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के महानिरीक्षक एस सुरेश हैं। इन्हें यथाशीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है।
तकरीबन फ्लाईओवर पर 40 मिनट तक इस जांच में टीम ने वायरल वीडियो, फोटोज और नक्शे की मदद घटनास्थल की बारीकी से जांच करते हुए यह पता लगाने की कोशिश की किसान किस मार्ग से फ्लाईओवर पर चढ़े थे और कितनी दूर तक यह जाम लगा रहा था। साथ ही इस क्रम में टीम ने घटना के दौरान ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से पूछताछ भी की।
फ्लाईओवर पर जांच के बाद टीम ने बीएसएफ मुख्यालय में शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ की जिसमें फिरोजपुर, मोगा, बठिंडा और फरीदकोट के अधिकारियों के शामिल होने की जानकारी मिली है। टीम के सदस्यों ने एडीजीपी साइबर क्राइम नागेश्वर राव से करीब 50 मिनट तक पूछताछ की।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के कारण का पता करने के लिए जांच टीम ने 14 पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए बीएसएफ मुख्यालय तलब किया था।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को श्री मोदी की पिछले दिनों पंजाब दौरे से संबंधित सभी रिकॉर्ड सुरक्षित और संरक्षित करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने रिकॉर्ड सुरक्षित रखने के निर्देश के साथ ही श्री मोदी की पिछले दिनों पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा में कथित चूक मामले में केंद्र और पंजाब द्वारा गठित दो अलग-अलग कमेटियों को याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार तक के लिए जांच नहीं करने का निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने चंडीगढ़ के महानिदेशक और एनआईए और एसपीजी सहित विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों के अन्य शीर्ष अधिकारियों से कहा है वे प्रधानमंत्री की यात्रा से संबंधित रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की आवश्यक सहयोग करें।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कथित चूक के खिलाफ एनजीओ 'लॉयर्स वॉयस' द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते ये निर्देश दिया। यह याचिका गुरुवार को दायर की गई थी और इस मामले में विशेष उल्लेख के तहत शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई गई थी।
उच्चतम न्यायालय पंजाब में श्री मोदी की सुरक्षा चूक पर सवाल खड़े करने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने लगाई थी। उन्होंने पंजाब के भटिंडा में गत बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी के दौरान सुरक्षा चूक से जुड़े मामले को अत्यावश्यक बताते शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई आज करने के लिए सहमत हुई थी।
याचिका में भविष्य में प्रधानमंत्री की 'सुरक्षा चूक ' की पुनरावृत्ति से बचने के लिए पूरे प्रकरण की ‘कुशल और पेशेवर’ जांच की मांग की गई है। याचिका में शीर्ष अदालत से भटिंडा के जिला न्यायाधीश को सुरक्षा उल्लंघन से संबंधित पूरे रिकॉर्ड को अपने कब्जे में लेने का निर्देश देने की गुहार लगाई थी।