गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद का देश के नाम संबोधन, कहा 'उभर रहा है नया भारत'
नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या को मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र दिवस का यह अवसर उन वीर महानायकों को याद करने का भी है, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। दो दिन पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस की डिजिटल प्रतिमा का अनावरण भी किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान का स्वरूप विस्तृत है, लेकिन इसकी प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता जैसी बुनियादी बातें लिखी हुई मूल अधिकार औऱ मूल कर्तव्यों को भी संविधान में महत्वपूर्ण ढंग से उल्लेखित किया गया है। ये दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं। राष्ट्रपति ने कहा, आज नया भारत उभर रहा है-यह सशक्त भारत-संवेदनशील भारत है.उन्होंने कहा, ”मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है। यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं।”
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ”पिछले वर्ष ओलंपिक खेलों में हमारे खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन से लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। उन युवा विजेताओं का आत्मविश्वास आज लाखों देशवासियों को प्रेरित कर रहा है।” उन्होंने आगे कहा, ”हाल के महीनों में, हमारे देशवासियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिबद्धता और कर्मठता से राष्ट्र और समाज को मजबूती प्रदान करने वाले अनेक उल्लेखनीय उदाहरण मुझे देखने को मिले हैं। उनमें से मैं केवल दो उदाहरणों का उल्लेख करूंगा।”
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, ”भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की समर्पित टीमों ने स्वदेशी और अति-आधुनिक विमानवाहक पोत ‘आई.ए.सी.-विक्रांत’ का निर्माण किया है जिसे नौसेना में शामिल किया जाना है. ऐसी आधुनिक सैन्य क्षमताओं के बल पर, अब भारत की गणना विश्व के प्रमुख नौसेना-शक्ति-सम्पन्न देशों में की जाती है। ऐसे उदाहरण से मेरा यह विश्वास दृढ़ होता है कि एक नया भारत उभर रहा है – सशक्त भारत और संवेदनशील भारत। मुझे विश्वास है कि इस उदाहरण से प्रेरणा लेकर अन्य सक्षम देशवासी भी अपने-अपने गांव एवं नगर के विकास के लिए योगदान देंगे।”