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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

2007 की तरह चौंकाने वाले होंगे चुनाव परिणाम: मायावती




आगरा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को यहां उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान का आगाज करते हुये दावा किया कि वर्ष 2007 की तरह आगामी दस मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम भी चौंकाने वाले होंगे।
कोठी मीना बाजार स्थित मैदान पर अपनी पहली चुनावी सभा में उन्होंने मीडिया पर जातिवादी होने का आरोप लगाते हुए कहा “ मीडिया ने यह कहकर हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि इन चुनावों में मायावती कहीं नजर नहीं आ रहीं। मैं एक साल से लखनऊ में पार्टी को मजबूत करने में जुटी हूं। पोलिंग बूथ स्तर पर कैडर आधर पर खड़ा किया है। बड़े पदाधिकारियों को भी इस काम में लगाया, निरन्तर समीक्षा बैठकें की। उम्मीदवारों का चयन भी काफी सोच-विचार करके किया। पिछले चुनावों की तरह धोखा न हो जाये, इसके लिये डमी प्रत्याशियों का चयन नहीं होने दिया। यह सभी काम पूरा होते ही मैं दलितों की राजधानी आगरा में अपने लोगों के बीच आ गई।”
उन्होने मतदाताओं को सावधान किया कि वे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में दिखाये जा रहे ओपिनियन पोल से गुमराह नहीं हों। उनकी सरकार बनने पर विवादित कानूनों को लागू नहीं होने दिया जायेगा। बसपा सरकार में सन्तों, महापुरुषों के नाम पर शहरों के नाम रखे गये थे, जिन्हें सपा सरकार ने बदल दिया। बसपा की सरकार आने पर इन शहरों के नाम पुनः बहाल किये जायेंगे।
बसपा सुप्रीमो ने कांग्रेस, सपा और भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस, दलित, पिछड़ा विरोधी पार्टी है। सपा सरकार में गुंडों, अराजक तत्वों और माफियाओं के राज रहा। सपा सरकार में विकास भी केवल जाति विशेष का ही होता था। सपा ने पदोन्नति में आरक्षण का बिल फाड़ दिया था। भाजपा सरकार में भी जातिवादी, पूंजीवादी व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की संकीर्ण मानसिकता हावी रही। दलित व महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। कमजोर वर्ग के लोगों को पुलिस कस्टडी में मार दिया जाता है। बेरोजगारी, महंगाई बढ़ी है। लोगों को रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि इस सबसे निजात पाने को बसपा की सरकार लाना जरूरी है। बसपा की सरकार में पहले भी सभी वर्गों के लिये काम किया गया। फिर से ऐतिहासिक कार्य होंगे। बसपा सरकार आने पर किसानों को निराश नहीं होने दिया जायेगा, आगरा की स्थानीय कारोबारी समस्याओं को दूर करेंगे। कानून का राज होगा। अपराधियों को विशेष अभियान चलाकर जेल भेजा जायेगा। जाति, धर्म व द्वेष के नाम पर लगाये गए मुकदमे हटाये जाएंगे। शिक्षा कर्मचारियों की मांगों के लिये आयोग बनाएंगे।
मायावती ने अपने समर्थकों से दूसरी पार्टियों के घोषणापत्रों के बहकावे न आने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि बसपा घोषणा पत्र में नहीं काम में विश्वास करती है।


भारत

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    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

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    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

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    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.