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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

कांग्रेस पर बरसे पीएम मोदी, कहा -कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक न होता, कांग्रेस पार्टी अब नाम बदल ले


 

 
नयी दिल्ली। संसद में बजट सत्र के 7वें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा, अगर महात्मा गांधी के इच्छानुसार कांग्रेस न होती तो इमरजेंसी का कलंक न होता, सिखों का नरसंहार न होता, लोकतंत्र परिवारवाद से मुक्त होता। कांग्रेस का संघवाद पर बार बार सवाल उठाये जाने को लेकर उस पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि उसे अपना नाम ‘इंडियन नेशनल कांग्रेस’ से बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि कांगेस को ‘नेशन’ पर आपत्ति है यानि ‘नेशन’ उसकी संकल्पना में गैर संवैधानिक है । उन्होंने कहा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस को उसका नाम बदल कर ‘फेडरेशन आफ कांग्रेस’ कर लेना चाहिए ।
कांग्रेस के सदस्य जब इसका कड़ा विरोध कर सदन से जाने लगे तो प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में सिर्फ सुनाना ही नहीं होता है सुनना भी होता है । सालों तक उपदेश देने की आदत के कारण कांग्रेस को बातें सुनने में मुश्किल हो रही है ।
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने कहा था कि प्रशासनिक सुविधा के लिए राज्यों में बांटा जा सकता है लेकिन देश अभिन्न रुप से एक है । 
श्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि हवाईअड्डें पर मामूली बातों के लिए मुख्यमंत्री को हटा दिया जाता था । आन्ध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यतंत्री टी अंजैया के साथ ऐसा हुआ था जब एक प्रधानमंत्री के बेटे को हवाई अड्डे पर वहां का प्रबंध पसंद नहीं आया था । इसी तरह से कर्नाटक के मुख्यमंत्री वीरेन्द्र पाटिल जब बीमार थे तब उन्हें अपमानित किया गया था ।
उन्होंने कहा कि हमारी सोच कांग्रेस की तरह संकीर्ण नहीं है । क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान होना चाहिए और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा किया जाना चाहिए । राज्य की प्रगति होनें से ही देश की तरक्की होती है । देश समृद्ध होगा तो राज्य समृद्ध होगा ।
उन्होंने आरोप लगाया कि दशकों तक केन्द्र में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने राज्यों के साथ दमन किया । करीब एक सौ बार चुनी हुयी राज्य सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया गया । एक प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान 50 राज्य सरकारों को उखाड़ फेंका और अब उसी की सजा भुगत रही है । उन्होंने कहा कहा कि कांग्रेस की नीति राज्य सरकारों को अस्थिर और बर्खास्त करने की रही है ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि फारुख अब्दुल्ला , देवीलाल और चौधरी चरण सिंह की सरकार को बर्खास्त किया गया और बाला साहेब ठाकरे को बदनाम किया गया । पचास के दशक में केरल की वामपंथी सरकार को बर्खास्त किया गया । एनटीआर और मुलायम सिंह यादव को अस्थिर करने का प्रयास किया गया । श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के बाद कांग्रेस को समाप्त करने की सलाह दी थी। यदि उनकी इच्छा मान ली गयी होती तो लोकतंत्र परिवरावाद से मुक्त होता। यदि कांगेस नहीं होती तो देश में दशकों तक भ्रष्टाचार नहीं होता। जातिवाद और धर्मवाद नहीं होता। सिखों का नरसंहार नहीं होता और इसके साथ ही सालों तक पंजाब में आतंकवाद नहीं होता।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों को अपना घर नहीं छोड़ना पड़ता और बेटियों को तंदूर तें जलाने की घटनायें नहीं होतीं। लोगों को इतने समय तक घर , सड़क , बिजली , पानी और शैचालय के लिए इन्तजार नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि सत्ता तें रहने के दौरान भी कांग्रेस की विकास में अभिरुचि नहीं थी और अब विपक्ष में भी बाधा डाल रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र को खतरा परिवारवादी पार्टियों से है। कुछ पार्टियों में परिवार सर्वोपरि है। इस विचार के कारण टेलेंट की कैजुअलिटी होती है और अभी तक इसका नुकसान हुआ है। पार्टियों को लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनी पार्टी में आगे बढाना चाहिए और सबसे पुरानी पार्टी होने के कारण कंग्रेस को आगे बढकर पहल करनी चाहिए।


भारत

  • "महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस, फडणवीस और शिंदे की दौड़ में मुकाबला तेज"

    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

  • महाराष्ट्र में महायुति की सुनामी, झारखंड में फिर से झामुमो सरकार

    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

  • एग्जिट पोल में बीजेपी आगे! महाराष्ट्र में महायुति, तो झारखंड में एनडीए सरकार

    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.