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Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १७ मई २०२४

ममता ने गंगा के निरंतर कटाव पर मोदी को लिखा पत्र




कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में गंगा-पद्मा नदी के किनारों के निरंतर हो रहे कटाव की जांच करने का आग्रह किया।
सुश्री बनर्जी ने प्रधानमंत्री से इस मामले पर तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया, ताकि आपदाओं से होने वाले जानमाल और आजीविका के नुकसान को रोकने के लिए जल्द से जल्द बाढ़ प्रबंधन और बहाली योजनाओं पर काम किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि इस समस्या से सार्वजनिक उपयोगिताओं, निजी संपत्तियों और कृषि भूमि को गंभीर नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने कहा,"समस्या पिछले दो दशकों से जारी है। नदी के किनारे में इस तरह का क्षरण बड़े पैमाने पर नदी के तल में गाद के कारण हुआ है और फरक्का बैराज के निर्माण के परिणामस्वरूप नदी के मार्ग में बार-बार बदलाव आया है।"
मुख्यमंत्री ने कहा कि फरक्का बैराज परियोजना प्राधिकरण (एफबीपीए) का कार्य क्षेत्र 40 किलोमीटर है। इसके दायरे में बैराज के अपस्ट्रीम से लेकर 80 किलोमीटर डाउनस्ट्रीम तक पूरे खंड में कटाव और नदी तट संरक्षण कार्य शुरू किया जाना है।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों में 1996 की भारत-बांग्लादेश गंगा संधि के कारण गंगा-पद्मा कटाव पर विपरीत प्रभाव पड़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा,''पश्चिम बंगाल में नदी प्रणाली में कटाव की समस्या की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 2800 हेक्टेयर उपजाऊ भूमि नदी की चपेट में आ चुकी है। करीब 1000 करोड़ रूप की सरकारी और निजी संपत्तियों को पिछले 15 वर्षों के दौरान नुकसान पहुंचा है।''
सुश्री बनर्जी ने लिखा है,"राज्य सरकार द्वारा कई बार सूचित किए जाने के बावजूद एफबीपीए ने 120 किमी के विस्तारित क्षेत्राधिकार में नदी के कटाव की समस्या का समाधान नहीं किया है। इससे पश्चिम बंगाल में मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिलों के 15 प्रखंडों के 400 वर्ग किलोमीटर में नदी के कटाव के कारण भूमि का नुकसान और बढ़ गया है।''
उन्होंने कहा," गंगा-पद्मा नदी कटाव के अलावा, महानंदा, फुलहार, टैंगोन, अतराय और पुनर्भव जैसी सीमा पार नदियों के कारण उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा के 21 ब्लॉक में निरंतर बाढ़ और कटाव एक गंभीर चिंता का विषय रहा है।''
सुश्री बनर्जी ने कहा,"मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया इस मामले को गंभीरता से देखें ताकि बाढ़ प्रबंधन और बहाली योजनाओं को आपदा से जीवन और आजीविका को नुकसान होने से बचाने के लिए कदम बढ़ाया जा सके।"


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