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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

किसानों ने ठुकराई सरकार की बातचीत की अपील, एक दिसंबर से राज्यों में प्रदर्शन



नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमा पर डटे किसान संगठनों ने सरकार की बातचीत की अपील ठुकरा दी है और एक दिसंबर से सभी राज्यों में विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है। विरोध कर रहे किसान संगठनों के संयुक्त मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि सरकार को उच्च स्तर पर किसानों से बातचीत करनी चाहिए। समिति ने कहा कि किसानों ने एक दिसंबर से सभी राज्यों में भी विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कल देर शाम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से बातचीत करने की अपील करते हुए कहा था कि तीन दिसंबर को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान संगठनों के साथ बैठक करेंगे।
बयान में कहा गया है कि किसान एकजुट हैं और एक सुर में केन्द्र सरकार से तीन किसान विरोधी, जनविरोधी कानूनों और तथा बिजली विधेयक 2020 की वापसी की मांग कर रहे हैं। किसान शांतिपूर्वक व संकल्पबद्ध रूप से दिल्ली पहुंचे हैं और अपनी मांग हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंजाब और हरियाणा से भारी संख्या कुसान में सिंघु और टिकरी बार्डर पर पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के किसानों की गोलबंदी भी सिंघु बार्डर पर हो रही है।
किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगों और सवालों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकार की कार्यप्रणाली ने अविश्वास और भरोसे की कमी पैदा की है। किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगानी बंद कर देनी चाहिए। (एजेंसी)


भारत

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    रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.

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