मुरैना, 08 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्र की पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का विचार देश के साधन-संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों को देने का था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी सरकार के लिए इन पर पहला हक वंचितों का है और मोदी के लिए देश में गरीब ही सबसे बड़ी जाति है।
मोदी मध्यप्रदेश के चंबल अंचल के मुरैना में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। मोदी की राज्य में आज ये तीसरी चुनावी सभा थी। इसके पहले उन्होंने दमोह और गुना में चुनावी सभाओं को संबोधित किया। मुरैना की सभा के दौरान केंद्रीय मंत्री और मुरैना के दिमनी से पार्टी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस कहती है कि देश के साधन-संसाधन पर पहला अधिकार मुसलमानों का है, जबकि हमारे लिए इन पर पहला हक गरीबों और वंचितों का है। मोदी के लिए देश में गरीब ही सबसे बड़ी जाति है।
सेना के जवानों की बहुलता वाले इस क्षेत्र में सभा में मौजूद हजारों लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा ने वन रैंक वन पेंशन की गारंटी दी थी। कांग्रेस ने चार दशक तक सैनिकों की इस बात को नहीं सुना। कांग्रेस को भी पता था कि मात्र 500 करोड़ रुपए में ये संभव नहीं हो पाएगा। इसके बाद मौजूदा सरकार ने देश के हर सैनिक को ये लागू करने की गारंटी दी और इसे लागू किया। देश भर के पूर्व सैनिकों को अब तक 70 हजार करोड़ रुपए इसके तहत मिल चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। आजादी के बाद कांग्रेस ने घोटालो की शुरुआत सेना से ही की और सेना को विदेशी हथियारों पर निर्भर रखा। सीमा पर तैनात सैनिकों को बेहतर सुविधाओं से वंचित रखा। आतंकी सैनिकाें का सिर काट कर ले जाते थे और कांग्रेस सरकार चुपचाप बैठी रहती थी। आतंकी हमलों की स्थिति में कांग्रेस विदेशों से मदद की गुहार लगाती थी। वहीं आज का भारत और सेना दोनों आतंकियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देते हैं। आज सीमा पर तैनात सैनिकों को आधुनिक सुविधाओं के साथ भारत में बने अस्त्र-शस्त्र दिए जा रहे हैं। सरकार ने सैनिक स्कूलों में तीनों सेनाओं में बेटियों की भर्ती के दरवाजे खोल दिए हैं।
उन्होंने कहा कि 2014 के पहले के 10-12 साल में मध्यप्रदेश में भाजपा और दिल्ली में कांग्रेस सरकार थी। उस समय केंद्र सरकार डगर डगर पर राज्य सरकार के कामों में रुकावट डालती थी। उन्होंने कहा कि वे उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे। कोई दिन ऐसा नहीं था, जब केंद्र सरकार भाजपा सरकारों को परेशान ना करती हो।
उन्होंने कहा कि आज मध्यप्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच क्या चल रहा है। चुनाव के बीच वे 'कपड़ा फाड़ो प्रतियोगिता' कर रहे हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि यही दो चेहरे हैं, जिन्होंने लंबे समय तक मध्यप्रदेश में कांग्रेस और पार्टी की सरकार को चलाया है। राज्य को बीमारू बनाने की बदनामी के लिए ऐसे ही नेता जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बस तीन परिवार दिखते हैं। एक दिल्ली वाला और दो यहां के।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.