नयी दिल्ली 10 जनवरी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को अभिनंदन और तालियों का मंच बना दिया है और यह स्वीकार्य नहीं है इसलिए जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए कांग्रेस पार्टी को जनता के बीच जाना होगा।
श्री खड़गे ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा और आगामी लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में आज यहां आयोजित पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में यह बात कही। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में आम आदमी के मुद्दों पर ध्यान नहीं देने और निर्वाचित विपक्षी सदस्यों को अपनी आवाज उठाने से चुप कराने के लिए भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा ,“ प्रधानमंत्री ने संसद को अभिनंदन और तालियों का मंच बना दिया है और यह स्वीकार्य नहीं है. इसलिए जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने के लिए हमें जनता के बीच जाना होगा।”
उन्होंने कहा, “ आप सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि देश को बदलाव की जरूरत है तथा इसे संभव बनाने के लिए हमें जमीनी स्तर पर दिन-रात काम करना होगा और लोगों का विश्वास जीतना होगा। राहुल गांधी ने सामाजिक, वित्तीय न्याय, मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, जाति-आधारित जनगणना और देश के लोगों के सामने आने वाले अन्य मुद्दों को उठाने के लिए यात्रा को चुना है।” उन्होंने जोर दिया कि आज स्थिति अलग है और विपक्ष इंडिया गठबंधन के रूप में एकजुट है। इस एकजुटता से भाजपा में भ्रम की स्थिति देखी जा सकती है तथा उसे अब विपक्षी गठबंधन की ताकत का एहसास हो गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास देश को बताने के लिए कोई सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि उसने देश की पिछले 70 साल में अर्जित सारी संपत्ति अपने कुछ चुनिंदा दोस्तों को देकर बर्बाद कर दी है।
उन्होंने कहा कि जहां तक सीट बंटवारे का सवाल है तो गठबंधन में इस विषय पर प्रगति हुई है। उन्होंने सभी पार्टी नेताओं से मतदाताओं से मिलने और उनसे बात करने का आग्रह किया। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से ऐसी कोई भी टिप्पणी करने से बचने को कहा, जिससे पार्टी की छवि खराब हो।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस की लड़ाई भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मानसिकता के खिलाफ है। कांग्रेस को महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और सरोजिनी नायडू जैसे महान नेताओं के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.