नयी दिल्ली, 05 फरवरी निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को साफ-साफ निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव प्रचार के काम में बच्चों का इस्तेमाल न करें।
आयोग ने कहा कि इस मामले में कोई भी अवहेलना ‘रत्ती भर भी स्वीकार्य नहीं होगी।’
आयोग ने सोमवार को इस बारे में राजनीतिक दलों, चुनाव में प्रत्याशियों और निर्वाचन मशीनरी को कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि इस मामले में लोगों को बाल श्रमिक (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 और इसमें 2016 में किए गए संशोधनों का कड़ाई से पालन करना होगा।
एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आयोग के इन दिशा-निर्देशों में मुंबई उच्च न्यायालय का चेनत रामलाल भुटाडा बनाम महाराष्ट्र राज्य सरकार एवं अन्य के मामले में 04 अगस्त 2014 के उस आदेश का विशेष रूप से उल्लेख किया है जिसमें राजनीतिक दलों को चुनाव संबंधी कामों में बच्चों को लगाने को कड़ाई से मना किया गया है।
आयोग ने सरकारी चुनाव मशीनरी को भी इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा है और ऐसा न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.