पटना 19 फरवरी बिहार सरकार ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि कटिहार जिले में एक कब्रिस्तान से तीन शवों को निकाल कर काटने के मामले पर सरकार गंभीर है और मामले की जांच करायी जा रही है।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के शकील अहमद खां के सवाल के जवाब में प्रभारी गृह मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अज्ञात लोगों ने कब्र को खोदा है। इस संबंध में पिछले वर्ष 24 नवंबर को प्राथमिक की दर्ज की गई है और पूरी गंभीरता से इसकी जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जिले में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के अधीन गठित समिति संवेदनशील कब्रिस्तानों की सूची तैयार करती है। इस सूची में हिंदू-मुस्लिम विवाद की संभावनाओं वाले कब्रिस्तानों को शामिल किया गया है और प्राथमिकता के आधार पर इस सूची के अनुरूप कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई जाती है लेकिन विधायक भी अपने फंड से कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा सकते हैं।
सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस सदस्य शकील अहमद ने कहा कि कुछ लोगों ने कब्र से तीन शवों को निकालकर सिर और धड़ को काट दिया। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा संवेदनशील मामला क्या हो सकता है। यदि समाज ने इसे नहीं संभाला होता तो वहां सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ सकता था। उन्होंने सरकार से कब्रिस्तान के चारों ओर चारदीवारी बनाने की मांग की।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अख्तरुल ईमान ने कहा कि कोई भी विधायक अपने फंड से कब्रिस्तान के चारों ओर चहारदीवारी के निर्माण की अनुशंसा नहीं कर सकता, जो संवेदनशील सूची में नहीं है । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अजय कुमार ने भी कहा कि कब्र से शवों को निकाल कर उसे काटने की घटना से ज्यादा संवेदनशील मामला और क्या हो सकता है । सरकार को प्राथमिकता के आधार पर इसकी घेराबंदी करनी चाहिए ।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महबूब आलम ने कहा कि यह अल्पसंख्यकों का मामला है। सरकार इसे गंभीरता से ले।
इस पर सभाध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा कि यह अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक का मामला नहीं है। मामले की जांच हो रही है और यदि जांच में घटना सत्य पायी गयी तो कब्रिस्तान स्वत: ही संवेदनशील हो जायेगा । उन्होंने सरकार को इस मामले पर ध्यान देने का निर्देश दिया ।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.