अभिषेक के जन्मदिन पर बधाई का तांता, कार्यालय के बाहर हुई भारी भीड़ >>>>>>>>>>> >>> वातावरण बंगाल की खाड़ी में फिर से बनेगा निम्न दबाव, मौसम में बदलाव के आसार >>>>>>>>>>> >>> अब गंगा के नीचे कोलकाता से हावड़ा तक बनेगा सुरंग मार्ग, केंद्र सरकार ने बनाई योजना >>>>>>>>>>> >>> पोस्ता पूजा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा "बंगाल को अपना घर बनाएं" >>>>>>>>>>> >>> अमित शाह की मौजूदगी में ‘भड़काऊ’ टिप्पणी के आरोप में मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज
Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

साधुओं पर बयानबाजी मामले में ममता ने दिया मोदी को जवाब



कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हमलों का जवाब देने के लिए ममता बनर्जी ने अपना चुनाव प्रचार कार्यक्रम बदल दिया और बिष्णुपुर चली गईं। रविवार को बिष्णुपुर में मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता पर 'मुस्लिम तुष्टिकरण' और 'संन्यासियों पर हमला' करने का आरोप लगाया। सोमवार दोपहर को बिष्णुपुर गईं ममता ने कहा, ''यहां मेरी कोई सभा नहीं थी। मेरी एक और सभा थी। वह मुझे गाली देने आये थे...! इसलिए मैं झूठ का जवाब देने के लिए 24 घंटे के नोटिस पर आई हूं।''
 
मोदी को जवाब देने के साथ ही ममता ने अपने 'विवादित' बयान पर भी सफाई दी। जैसा कि उन्होंने उस दिन कहा था, उन्होंने किसी संगठन को निशाना बनाकर कुछ नहीं कहा। उन्होंने उन संस्थाओं के 'व्यक्ति विशेष' के बारे में कहा था। यानी उन्होंने रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम या इस्कॉन के बारे में 'राजनीति' करने या 'संस्थागत' तरीके से राजनीति में भाग लेने की बात नहीं की। उन्होंने उन सभी संस्थाओं के कुछ साधु-संन्यासियों के बारे में बताया। ममता ने उनमें से एक का नाम बताया था। वह अपने बयान पर अडिग हैं। घटना की शुरुआत शनिवार को आरामबाग में हुई ममता की रैली से हुई. वहां ममता ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ संतों के खिलाफ 'आक्रामक' बयान दिया। उन्होंने खासतौर पर मुर्शिदाबाद के भारत सेवाश्रम संघ के कार्तिक महाराज का जिक्र करते हुए कहा, ''भारत सेवाश्रम संघ के प्रति मेरे मन में बहुत सम्मान था.'' लेकिन जो आदमी कहता है, मैं तृणमूल कांग्रेस के एजेंट को बैठने नहीं दूंगा, उसे मैं साधु नहीं मानती। कारण यह है कि वह 'प्रत्यक्ष राजनीति' करके देश को बर्बाद कर रहे हैं।'
 

मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी पर बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया, जब रविवार को  मोदी चुनाव प्रचार के लिए बंगाल आये तो उन्होंने अपनी तीनों सभाओं में ममता पर हमला करने के लिए स्वामी विवेकानन्द का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा, 'यह देश भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद, स्वामी विवेकानंद और स्वामी प्रणबानंद जैसे आध्यात्मिक गुरुओं का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।'
 
उनका 'जवाब' ममता ने सोमवार को दिया- ''चुनाव के वक्त स्वामी विवेकानन्द दिखाने आये थे!'' सुनो, मैंने स्वामी विवेकानन्द का घर बचा लिया। बिक रहा था। मैंने इसे निगम से खरीदा था। तभी स्वामी विवेकानन्द का घर आज भी स्वामी विवेकानन्द का घर है। यह हमेशा रहेगा।''  ममता कहती रहीं, ''सिस्टर निवेदिता का घर किसने बचाया? मैंने बचाया सिस्टर निवेदिता का निधन दार्जिलिंग में हुआ। मैंने वह घर खरीद लिया। दक्षिणेश्वर मंदिर का स्काईवॉक किसने बनवाया था? बेलूर मठ का इतना घाट किसने बनवाया? मैंने वही किया जो उन्होंने कहा। जयरामबाटी में भी काम हुआ है। जयरामबाटी शारदा  मां का जन्मस्थान है। मैं वहां एक बार नहीं, हजारों बार गई हूं. आप (मोदी) कितनी बार गए हैं?”

 


स्थानीय

  • राज्य में कानून-व्यवस्था की निगरानी के लिए नबान्न के पास विशेष मॉनिटरिंग सेल

    कोलकाता। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने के लिए नबान्न नई व्यवस्था कर रहा है। राज्य सचिवालय के पास स्थित डीजी के कंट्रोल रूम में एक विशेष मॉनिटरिंग सेल बनाया जा रहा है, जिससे राज्य के किसी भी स्थान का सीसीटीवी फुटेज देखा जा सकेगा। पुलिस और नबान्न के सूत्रों के मुताबिक, इसका उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले एक 'विशेष कक्ष' का उद्घाटन करना है। यह कदम पूरे बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति पर बेहतर निगरानी रखने के लिए उठाया गया है।

  • अभिषेक बनर्जी की बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी के मामले में सीबीआई जांच से इनकर

    नई दिल्ली/ कोलकाता। अभिषेक बनर्जी की नाबालिग बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार दो महिलाओं को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने के आरोपों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की याचिका खारिज कर दी है। इसके बजाय, तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसमें तीन आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। इस तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व डीआईजी, प्रेसीडेंसी रेंज आकाश मघारिया करेंगे। अन्य दो सदस्य आईपीएस स्वाति भंगारिया और सुजाता कुमारी वीणापानी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आद

  • ममता ने वक्फ बिल के खिलाफ रानी रासमणि रोड पर विरोध प्रदर्शन का किया आह्वान

    कोलकाता। वक्फ बिल के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस मुखर होने जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ को 30 नवंबर शनिवार को एक बड़ी रैली आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह रैली रानी रासमणि रोड पर आयोजित की जाएगी, जहां तृणमूल अल्पसंख्यक सेल के अध्यक्ष और इटाहार विधायक मोशरफ हुसैन इसका नेतृत्व करेंगे। इस आयोजन में तृणमूल के मुख्य सचिव कल्याण बंद्यापाध्याय लोकसभा में वक्फ बिल पर पार्टी की स्थिति स्पष्ट करेंगे, जबकि मेयर फिरहाद हकीम भी उपस्थित रहेंगे। तृणमूल कांग्रेस पहले ही वक्फ