मुंबई 09 जून सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में फिर से कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कुछ चुनिंदा मंत्रियों में से एक हैं।
मुंबई से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए 60 वर्षीय श्री गोयल ने अब तक वित्त, रेलवे, कोयला, कॉर्पोरेट मामले, वाणिज्य और उद्योग और कपड़ा सहित कई विभागों को संभाला है। उनके माता-पिता भी भाजपा के कट्टर समर्थक थे। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में उनके पिता वेदप्रकाश गोयल केंद्रीय जहाजरानी मंत्री थे। उनकी मां चंद्रकांता गोयल मुंबई के माटुंगा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक रहीं।
तेरह जून-1964 को जन्मे श्री गोयल एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। मई 2019 में वे नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। अपने 35 साल के राजनीतिक अवतार में उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष का पद संभाला है और भाजपा की सूचना संचार अभियान समिति के प्रमुख भी रहे हैं, जहाँ उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए सोशल मीडिया आउटरीच सहित पार्टी के अभियान और विज्ञापन की देखरेख की थी।
श्री गोयल ने 2018 और 2019 में दो बार वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला है। इससे पहले वह बिजली, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा (2014-2017) और खान (2016-17) के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे। वह अब तक राज्यसभा सांसद थे और प्रधानमंत्री के रूप में श्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में उच्च सदन में सदन के नेता भी थे। रेल मंत्री के रूप में उन्होंने दिल्ली और वाराणसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ की भी देखरेख की।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.