भोपाल, 22 जून मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पेपर लीक से जुड़े केंद्र सरकार के कानून पर आज कहा कि जहां पेपर लीक होता है, वहां भारतीय जनता पार्टी का नाम सामने आता है और कानून बनाकर पार्टी देश को गुमराह करना चाहती है।
श्री पटवारी ने अपने बयान में कहा कि पेपर लीक के खिलाफ कितने भी कानून बनाएं, जहां पेपर लीक होता है वहां भाजपा का कॉलेज सामने आता है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता, वहां से निकले हुए कुलपति और प्रोफेसर सामने आते हैं।
उन्हाेंने आरोप लगाया कि जिन भी संस्थाओं में पेपर लीक जैसी घटनाएं घटती हैं, उन जगहों पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित उनके कार्यकर्ता बड़े पदों पर बैठे हैं। वहीं से पेपर लीक होता है।
इसी क्रम में उन्होंने भाजपा के संदर्भ में कहा कि अपने लोगों को आप (भाजपा) सजा नहीं दे सकते हो, आपकी ही नीयत में खोट है और कानून बनाकर देश को बस गुमराह करना चाहते हैं।
देश में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम (केंद्रीय भर्ती और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं के लिए पेपर लीक विरोधी कानून) 2024 शुक्रवार रात से प्रभावी हो गया है।
केंद्र सरकार की ओर से देर रात इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गयी। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ करने पर कम से कम तीन साल की कैद और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.