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Dainik Vishwamitra

गुरुवार ५ दिसंबर २०२४

यूजीसी ने 63 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया, मान्यता रद्द होने का खतरा




नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 63 विश्वविद्यालयों को नियमों का पालन न करने के कारण डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कर दिया है। इनमें निजी, डीम्ड और सरकारी विश्वविद्यालय शामिल हैं जिन्होंने अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है। यूजीसी ने 2023 में छात्रों की शिकायतों के लिए शिकायत निवारण विनियम-2023 को अधिसूचित किया था, जिसके तहत सभी विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति की जानी है। लोकपाल छात्रों की शिकायतों का निवारण करेगा, जिनमें दाखिला संबंधी गड़बड़ी, फीस, उत्पीड़न, सर्टिफिकेट वापस न करना, परीक्षा के संचालन में अनियमितता, छात्रवृत्ति, आरक्षण नियमों का पालन न करना और दाखिले के लिए अलग से पैसे की मांग जैसी समस्याएं शामिल हैं। यूजीसी ने इन सभी विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी किया है कि वे जल्द से जल्द लोकपाल की नियुक्ति करें और छात्रों से जुड़ी व्यवस्थाओं को सुधारें। यदि ये विश्वविद्यालय दिए गए समय सीमा के भीतर लोकपाल की नियुक्ति नहीं करते हैं, तो यूजीसी उनकी मान्यता रद्द कर सकता है, जिससे छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है।

इसके अतिरिक्त, यूजीसी ने तय किया है कि हर विश्वविद्यालय को अपने एडमिशन फॉर्म पर हर कोर्स के बारे में स्पष्ट रूप से लिखना होगा कि वह यूजीसी से मान्यता प्राप्त है या नहीं। अब कोई भी विश्वविद्यालय या कॉलेज किसी भी छात्र के मूल दस्तावेज जमा नहीं करवा सकता है। फॉर्म पर पूरी प्रवेश प्रक्रिया और आरक्षण की जानकारी देना आवश्यक है। इसके अलावा, हर विश्वविद्यालय और कॉलेज में यूजीसी नियमों के अनुसार ही शिक्षक रखे जा सकते हैं। परीक्षा के बाद 180 दिनों के भीतर छात्र के घर डिग्री पहुंचाना भी आवश्यक है। यूजीसी ने चेतावनी दी है कि नियमों का पालन न करने पर वह विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द कर सकता है और उनके अधिकार छीन सकता है, जिससे उनके द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता और कोर्स संचालन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।


शिक्षा

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