मुंबई 24 जुलाई विश्व बाजार की गिरावट के बीच स्थानीय स्तर पर चालू वित्त वर्ष के बजट में कैपिटल गेन टैक्स में बढ़ोतरी से निराश निवेशकों की बिकवाली का शेयर बाजार पर आज भी असर रहा, जिससे दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार चौथे दिन गिरकर बंद हुए।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 280.16 अंक की गिरावट लेकर 80,148.88 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 65.55 अंक टूटकर 24,413.50 अंक पर रहा। हालांकि बीएसई की दिग्गज कंपनियों के विपरीत मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में जमकर लिवाली हुई, जिसने बाजार को और अधिक गिरने से बचाया। इस दौरान मिडकैप 0.68 प्रतिशत उछलकर 46,819.96 अंक और स्मॉलकैप 1.91 प्रतिशत की छलांग लगाकर 53,832.46 अंक हो गया।
इस दौरान बीएसई में कुल 4008 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 1094 में गिरावट जबकि 2802 में तेजी रही वहीं 112 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह निफ्टी की 30 कंपनियों में बिकवाली जबकि 20 में लिवाली हुई।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मोदी सरकार 3.0 का आम बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने पूंजीगत लाभ पर कर बढ़ाने का प्रस्ताव किया। बजट में विशेष रूप से इक्विटी पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलएटीसीजी) कर को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (एसटीसीजी) कर को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया।
बजट का यह प्रस्ताव निवेशकों को आज दूसरें दिन भी रास नहीं आया। इससे बीएसई के चार समूहों में बिकवाली जबकि शेष में लिवाली हुई। इस दौरान एफएमसीजी 0.23, वित्तीय सेवाएं 0.24, ऑटो 0.16 और बैंकिंग समूह के शेयर 0.96 प्रतिशत लुढ़क गए। वहीं, सीडी 0.89, ऊर्जा 1.60, हेल्थकेयर 0.92, दूरसंचार 1.24, यूटिलिटीज 1.24, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 1.07, तेल एवं गैस 1.69, पावर 1.24, रियल्टी 0.74 और सर्विसेज समूह के शेयर 0.66 प्रतिशत चढ़ गए।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफ़टीएसई 0.23, जर्मनी का डैक्स 0.75, जापान का निक्केई 1.11, हांगकांग का हैंगसेंग 0.91 और चीन का शंघाई कम्पोजिट 0.46 प्रतिशत लुढ़क गया।
30 सितंबर, 2024 को भारत के शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। इस दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में लगभग डेढ़ फीसदी की कमी आई, जिससे निवेशकों को कुल मिलाकर 3.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह गिरावट मुख्यतः चीन की अर्थव्यवस्था से जुड़ी चिंताओं और जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण उत्पन्न हुई।
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नई दिल्ली। नए महीने की शुरुआत के साथ ही कुछ नए नियम लागू हो रहे हैं, जो आपकी रोजमर्रा की जिंदगी और बजट पर प्रभाव डाल सकते हैं। हर महीने की तरह इस बार भी कुछ नियमों और वस्तुओं की कीमतों में बदलाव हो रहे हैं, जिनके बारे में जानना आपके लिए जरूरी है।