भारत के शेयर बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों को 3.57 लाख करोड़ का नुकसान
30 सितंबर, 2024 को भारत के शेयर बाजार में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई। इस दिन सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही प्रमुख सूचकांकों में लगभग डेढ़ फीसदी की कमी आई, जिससे निवेशकों को कुल मिलाकर 3.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। यह गिरावट मुख्यतः चीन की अर्थव्यवस्था से जुड़ी चिंताओं और जियो पॉलिटिकल टेंशन के कारण उत्पन्न हुई।
चीन की अर्थव्यवस्था पर असर
चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई प्रमुख घोषणाएं की हैं, जिनमें आर्थिक सुधार और विभिन्न उपाय शामिल हैं। इसके चलते विदेशी निवेशक शंघाई के शेयर बाजार में अपने निवेश को स्थानांतरित कर रहे हैं। इस बदलाव का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ा, जिससे भारतीय निवेशकों के बीच चिंता का माहौल बना।
विशेष रूप से, चीनी ब्लू-चिप सीएसआई300 इंडेक्स में 3% की वृद्धि और शंघाई कंपोजिट में 4.4% की बढ़त हुई है। चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा होम लोन की ब्याज दरों में कमी करने की घोषणा से भी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है। परिणामस्वरूप, सितंबर के महीने में हॉन्गकॉन्ग के प्रमुख सूचकांक में 18% की तेजी देखने को मिली, जिसमें विदेशी निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
जियो पॉलिटिकल टेंशन का प्रभाव
दूसरी ओर, इजराइल और मध्य पूर्व में बढ़ती तनाव की स्थिति ने भी शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। हाल ही में हिजबुल चीफ की मौत के बाद, वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है। लेबनान में इजराइल के हमलों ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे वैश्विक निवेशकों में असमंजस उत्पन्न हुआ है। कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी भी देखने को मिली है, जिससे भारतीय बाजार पर अतिरिक्त दबाव पड़ा है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों पर चिंताएं
अमेरिकी सेंट्रल बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल की आगामी स्पीच के चलते भी बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है। इस सप्ताह अमेरिकी आंकड़ों की घोषणा भी होगी, जो शेयर बाजार के सेंटीमेंट को प्रभावित कर सकती है। विशेष रूप से, जॉब ओपनिंग, प्राइवेट हायरिंग के आंकड़े और मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर से जुड़ी जानकारियों की भी प्रतीक्षा की जा रही है। इन आंकड़ों का सीधा संबंध अमेरिकी फेड की अगली नीति बैठक से होगा।
मुख्य आंकड़े और गिरावट के प्रमुख शेयर
इस गिरावट के कारण सेंसेक्स 1,272.07 अंकों की कमी के साथ 84,299.78 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 368.10 अंकों की गिरावट के साथ 25,810.85 पर पहुंच गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 84,257.14 अंकों के लोअर लेवल पर भी पहुंचा।
इस गिरावट का सीधा असर निवेशकों के लिए गंभीर परिणाम लेकर आया है। बीएसई का मार्केट कैप एक दिन पहले 4,77,93,022.68 करोड़ रुपये था, जो घटकर 4,74,35,137.15 करोड़ रुपये पर आ गया। इसका अर्थ है कि 19 करोड़ से ज्यादा निवेशकों को 3.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इन सभी कारणों से भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता बढ़ गई है। बाजार की वर्तमान स्थिति को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने और आने वाले दिनों में वैश्विक घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।