नयी दिल्ली 14 अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सहित विभिन्न नेताओं ने बुधवार को देश के बंटवारे के बाद भड़की हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हम उन अनगिनत लोगों को याद करते हैं, जो विभाजन की भयावहता से प्रभावित हुए और उन्हें बहुत तकलीफ़ हुई। यह उनके साहस को श्रद्धांजलि देने का भी दिन है। विभाजन से प्रभावित बहुत से लोगों ने अपने जीवन को फिर से संवारा और अपार सफलता प्राप्त की। आज, हम अपने देश में एकता और भाईचारे के बंधनों की हमेशा रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराते हैं।”
वहीं, श्री सिंह ने एक्स पर लिखा, “ ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ,जो देश के विभाजन से पैदा हुई परिस्थितियों में हिंसा और नफ़रत के शिकार हो गये।आज वर्षों बाद भी उसकी पीड़ा देश में महसूस की जाती है। विभाजन की उस विभीषिका को याद करके हम सभी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नये, एकजुट और सशक्त भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं, जिससे फिर कभी इस देश को ऐसे कठिन दौर से न गुज़ारना पड़े।”
श्री शाह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, “आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देता हूँ, जिन्होंने इतिहास के सबसे क्रूर प्रकरण के दौरान अमानवीय पीड़ाओं का सामना किया, जीवन खो दिया और बेघर हो गए। अपने इतिहास को स्मृति में बसा कर, उससे सीख लेकर ही एक राष्ट्र अपने मजबूत भविष्य का निर्माण कर सकता है और एक शक्ति के रूप में उभर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रयास से इस दिवस को मनाने की परंपरा राष्ट्रनिर्माण की ओर उठाया गया मजबूत कदम है। ”
श्री नड्डा ने कहा, “ आज 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' 1947 के उस क्रूर घटना का स्मरण कराता है, जब संसार को 'वसुधैव कुटुंबकम' और 'सर्वे भवंतु सुखिनः' का संदेश देने वाले हमारे महान राष्ट्र को राजनीतिक स्वार्थ के लिए बांट दिया गया था। इस दौरान लोगों ने अत्यंत अमानवीय यातनाएं सही, पलायन के निर्दय कष्ट उठाए, अपने परिश्रम से कण-कण जोड़कर बनाए घर-द्वार, संपत्ति से वंचित हो गए, असंख्य लोगों ने जीवन खो दिया। मैं आज उन सभी को श्रद्धासुमन अर्पित कर नमन करता हूँ। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने का निर्णय हमें उन समस्त काले अध्याय व घटनाओं का स्मरण कराता है। यह हमारे महान राष्ट्र को अखंड, शक्तिशाली व महान होने की दिशा में अग्रसर करेगा।
एक तरफ देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति मिल रही थी तो दूसरी तरफ इसकी कीमत देश के विभाजन के रूप में मिल रही थी। विभाजन के परिणामस्वरूप लाखों लोग बेघर हो गए। उन्हें रातों-रात पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। कई लोग तो ऐसे भी रहे, जिन्हें आजादी की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।”
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 14 अगस्त 2021 को विभाज विभीषिका स्मृति दिवस को लेकर भारत सरकार का राजपत्र जारी किया गया था, जिसमें कहा गया है कि भारत सरकार, देश की वर्तमान और भावी पीढ़ियों को विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सही गई यातना और वेदना का स्मरण दिलाने के लिए 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवसके रूप में घोषित करती है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.