आरजी कर कांड पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, नेशनल टास्क फोर्स का गठन
नई दिल्ली। कोलकाता में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले की आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है और राज्य सरकार, पुलिस तथा अस्पताल प्रशासन से कड़े सवाल पूछे हैं। सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने एक आठ सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स गठित करने का भी आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि प्रिंसिपल ने इस मामले में क्या कदम उठाए। कोर्ट ने यह भी पूछा कि पुलिस ने अपराध स्थल को सुरक्षित क्यों नहीं किया और एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों की। इसके अलावा, कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शनों को बलात्कारी तरीके से बंद कराने से मना किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल हत्या का नहीं है, बल्कि डॉक्टरों की सुरक्षा पर भी गंभीर चिंता है। सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करने पर भी कोर्ट ने चिंता जताई है।
मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या यह सच है कि पीड़ित परिवार को शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने स्वीकार किया कि यह आरोप सही है। कोर्ट ने सवाल किया कि शव सौंपने के साढ़े तीन घंटे बाद एफआईआर क्यों दर्ज की गई। कोर्ट ने राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कई गंभीर सवाल किए। कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता की पहचान कैसे उजागर हुई और जब 7,000 लोग अस्पताल में घुसे, तब पुलिस क्या कर रही थी। सीबीआई से गुरुवार तक स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है और एक नेशनल टास्क फोर्स के गठन की योजना बनाई जा रही है, जिसमें AIIMS के निदेशक भी शामिल होंगे। सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने कहा कि पितृसत्तात्मक सोच के कारण महिला डॉक्टरों को अधिक निशाना बनाया जाता है। जैसे-जैसे अधिक महिलाएं कार्यबल में शामिल हो रही हैं, उनकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं।
सूत्रों के अनुसार, पूर्व प्रिंसिपल गलत जानकारी दे रहे हैं और उनके बयानों में विसंगतियां हैं। बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे हैं और गृहमंत्री अमित शाह तथा स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं। सोमवार को राज्यपाल ने बंगाल की कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई और राजभवन में महिला नेताओं तथा डॉक्टरों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि बंगाल महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है और मौजूदा सरकार ने राज्य को महिलाओं के लिए असुरक्षित बना दिया है।