नयी दिल्ली 26 अगस्त केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नूपूर्णा देवी ने पश्चिम बंगाल में बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के अंतर्गत आवंटित त्वरित विशेष न्यायालय स्थापित करने पर जोर देते हुए कहा है कि राज्य सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित परिवेश बनाने पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रविवार को लिखे एक पत्र में कहा कि वर्ष 2019 में राज्य के लिए 123 त्वरित विशेष न्यायालय आवंटित किये गये थे, लेकिन जून 2023 तक एक भी न्यायालय आरंभ नहीं किया जा सका। राज्य में 48 हजार 600 से ज्यादा दुष्कर्म और पॉक्सो से संबंधित मुकदमे लंबित है। बाद में राज्य सरकार के अनुरोध पर 17 त्वरित विशेष न्यायालय आवंटित किये गये, जिनमें से मात्र छह पॉक्सो न्यायालय आरंभ हो पाये हैं। शेष 11 त्वरित विशेष न्यायालय स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित परिवेश उपलब्ध कराने के लिए इस दिशा में शीघ्रता से कदम उठाने चाहिए। इस पत्र की प्रति सोमवार को यहां जारी की गयी।
इससे पहले सुश्री बनर्जी ने महिला सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा था और महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए एक सख्त केंद्रीय कानून की मांग की थी।
पत्र में श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि 30 जून 2024 तक 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 752 त्वरित विशेष न्यायालय कार्यरत हैं, जिनमें से 409 न्यायालय पॉक्सो के लिए निर्धारित हैं। इनमें दो लाख 53 हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संकटापन्न महिलाओं और बच्चों के लिए हेल्पलाइन नंबर 181, 112, 1098 और 1930 पिछले कुछ वर्ष में आरंभ किये गये हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के निवासियों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि राज्य सरकार ने संबंधित योजनाओं को लागू ही नहीं किया है।
श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि एक जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता 2023 पूरे देश में लागू की जा चुकी है जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए उम्र कैद तथा आजीवन कैद और भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को संबंधित प्रावधानों और व्यवस्थाओं को लागू करना चाहिए जिससे महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित और भयमुक्त परिवेश उपलब्ध कराया जा सके।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.