मोदी कैबिनेट ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' को दी मंजूरी, संसद में पेश होगा बिल
नई दिल्ली। "वन नेशन-वन इलेक्शन" यानी एक देश-एक चुनाव को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने आज इस पर पेश की गई रिपोर्ट को स्वीकृत कर दिया। इस फैसले की जानकारी देते हुए मोदी सरकार के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में इस पर बिल पेश किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मार्च में अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के सामने प्रस्तुत की थी। मोदी 3.0 के 100 दिनों के एजेंडे में वन नेशन-वन इलेक्शन की रिपोर्ट को कैबिनेट के सामने रखना भी शामिल था। समिति की रिपोर्ट में पूरे देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही, लोकसभा और विधानसभा चुनावों के 100 दिनों के भीतर निकाय चुनाव कराने की भी अनुशंसा की गई है।
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए 62 सियासी दलों से राय ली थी। इनमें से 32 दलों ने समर्थन, 15 ने विरोध और 15 ने इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया था। समर्थन करने वाले दलों में बीजेपी, जेडी(यू), एलजेपी (आर) जैसे दल शामिल हैं, जबकि विरोध में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी समेत 15 दल शामिल हैं। मोदी 3.0 में शामिल चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 17 सितंबर को ऐलान किया था कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में वन नेशन-वन इलेक्शन को लागू करेगी। इससे पहले, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर जोरदार वकालत की थी।
प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए के दलों ने वन नेशन-वन इलेक्शन का समर्थन किया है, यह कहते हुए कि बार-बार चुनाव होने से देश की प्रगति में बाधा उत्पन्न हो रही है। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इस मुद्दे को शामिल किया है, और एनडीए के कई घटक दल भी इसका समर्थन कर रहे हैं।
केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस फैसले पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है और इसे वर्तमान मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है।