नयी दिल्ली, भोपाल, 08 अक्टूबर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ उनके पुनर्वास और विकास संबंधित कार्यक्रम लगातार चलाए जा रहे हैं और देश भर में नक्सली गतिविधियां अब लगभग अंतिम चरणों में हैं।
डॉ यादव ने कल नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की समीक्षा बैठक में सहभागिता की। इसके बाद उन्होंने अपने बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद निरोधक नीतियां बनाई जा रही हैं। देश भर के अलग-अलग राज्यों से नक्सलवाद का खात्मा हो रहा है, ये नक्सलवाद अब समूचे देश में अंतिम चरणों में पहुंच चुका है। गृह मंत्री श्री शाह ने भी कहा है कि हर तरफ कानून का राज स्थापित करना है।
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के संदर्भ में कहा कि राज्य में पिछले दो साल में नक्सलियों के खिलाफ जितनी कार्रवाई हुई है, उतनी पिछले 30 साल में नहीं हुई। भारत सरकार ने भी इस बात को माना है। नक्सलवाद का पूरा तरह खात्मा होना चाहिए। इसके साथ ही विकास के आयाम भी स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर कोई नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में आने का इच्छुक है तो इस संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई है।
सीमावर्ती प्रदेश छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के संबंध में डॉ यादव ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद फला-फूला। अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में वहां इसका सफाया हो रहा है। पड़ोसी राज्य होने के नाते मध्यप्रदेश भी इस मुद्दे को लेकर सतर्क है।
मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है
रुझानों में बीजेपी, शिवसेन (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार गुट) के गठबंधन महायुति की सुनामी है. महायुती 288 में से 236 सीटों पर आगे हैं. वहीं, कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के गठबंधन महा विकास अघाड़ी को केवल 48 सीटों पर ही बढ़त है. वही अन्य 4 पे आगे है.
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.