अभिषेक के जन्मदिन पर बधाई का तांता, कार्यालय के बाहर हुई भारी भीड़ >>>>>>>>>>> >>> वातावरण बंगाल की खाड़ी में फिर से बनेगा निम्न दबाव, मौसम में बदलाव के आसार >>>>>>>>>>> >>> अब गंगा के नीचे कोलकाता से हावड़ा तक बनेगा सुरंग मार्ग, केंद्र सरकार ने बनाई योजना >>>>>>>>>>> >>> पोस्ता पूजा के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा "बंगाल को अपना घर बनाएं" >>>>>>>>>>> >>> अमित शाह की मौजूदगी में ‘भड़काऊ’ टिप्पणी के आरोप में मिथुन चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज
Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

बंगाल : विद्यार्थियों के टैब खरीदने की रकम दूसरे खातों में पहुंची, 11 जिलों में करीब 20 करोड़ 'गायब'




बर्दवान: राज्य सरकार की 'तरुणेर स्वप्न' योजना के तहत टैबलेट खरीद के लिए विद्यार्थियों को दी जाने वाली राशि, उनके खातों में जमा होने के बजाय अन्य खातों में ट्रांसफर हो गई है। पूर्वी बर्दवान के लगभग 14 स्कूलों में करीब 1000 छात्रों के साथ इस तरह की घटनाएँ हुई हैं। स्कूल प्रशासन ने इस मामले की शिकायत संबंधित अधिकारियों को पहले ही दी है। साइबर पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है, और जाँच शाखा को एक शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस और शिक्षा विभाग के अनुसार, यह समस्या सिर्फ पूर्वी बर्दवान में ही नहीं, बल्कि राज्य के 11 अन्य जिलों में भी देखी गई है। शुरुआती जाँच में पता चला है कि करीब 20 करोड़ रुपये गलत खातों में चले गए हैं।

इस योजना के तहत 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को टैबलेट खरीदने के लिए राज्य सरकार द्वारा 10,000 रुपये दिए जाते हैं। स्कूल प्रशासन द्वारा छात्रों की बैंक खाता संख्या सहित सूची राज्य शिक्षा विभाग को भेजी जाती है, ताकि यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जा सके। लेकिन कई छात्रों के खाते में पैसे न पहुँचकर अन्य खातों में चले गए हैं। पूर्वी बर्दवान के अलग-अलग स्कूलों में भी यही समस्या सामने आई है। बर्दवान के सीएमएस हाई स्कूल में इस साल 11वीं और 12वीं कक्षा में 412 छात्र हैं, और इस योजना का भुगतान 5 अक्टूबर से शुरू किया गया था। इस स्कूल के 28 छात्रों का पैसा उनके खातों में पहुँचे बिना ही अन्यत्र ट्रांसफर हो गया। जब यह मामला स्कूल के प्रधानाध्यापक के ध्यान में आया, तो उन्होंने बर्दवान थाने में शिकायत दर्ज की। दिवाली की छुट्टियों के कारण अन्य स्कूलों को इस घटना की जानकारी नहीं दी जा सकी। मंगलवार को स्कूल खुलने के बाद पता चला कि बर्दवान सीएमएस स्कूल के साथ-साथ कई अन्य स्कूलों में भी यही समस्या है, जिनमें महारानी अधिरानी गर्ल्स स्कूल और बर्दवान साधुमती गर्ल्स स्कूल शामिल हैं।

बर्दवान सीएमएस हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक मिंटू रॉय ने बताया, “छात्रों ने स्कूल आकर शिकायत की कि उनके खातों में पैसे जमा नहीं हुए हैं। बाद में पता चला कि पैसा उनके खातों में न जाकर किसी अन्य खाते में चला गया है। यह घटना स्कूल के 28 छात्रों के साथ घटी है, जबकि तीन छात्रों के खातों में केवाईसी दस्तावेज में त्रुटि के कारण पैसा नहीं पहुँच सका है। पूरे मामले में बर्दवान थाने में लिखित शिकायत दी गई है।” सूत्रों के अनुसार, पूर्वी बर्दवान जिले के 14 स्कूलों के करीब 1000 छात्रों के खाते में पैसे जमा नहीं हुए हैं।


शिक्षा

  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला: आर्थिक तंगी के कारण आईआईटी प्रवेश से वंचित छात्र को मिलेगा दाखिला

    नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के अतुल कुमार, जो फीस जमा करने में असमर्थता के कारण आईआईटी धनबाद में प्रवेश से वंचित हो गए थे, को सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब दाखिला मिल सकेगा। 18 वर्षीय अतुल, जिनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, को आईआईटी धनबाद में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की सीट आवंटित हुई थी। लेकिन 17,500 रुपये की फीस समय पर जमा न कर पाने के कारण उनका प्रवेश रद्द कर दिया गया था।

  • नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम आदेश, शनिवार दोपहर 12 बजे तक रिजल्ट जारी करें…

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज नीट पेपर लीक मामले की सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मामले पर 40 से अधिक याचिकाओं को सुनी। इस दौरान चीफ जस्टिस ने उज्जवल नेता, अधिवक्ता के माध्यम से कहा कि अगर किसी ने पेपर लीक किया भी हो, तो उसका मकसद सिर्फ नीट परीक्षाओं को बदनाम करना नहीं था, बल्कि पैसे कमाना भी था। देश ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की सुनवाई का इंतजार किया है। शनिवार दोपहर 12 बजे तक नीट रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया गया है।

  • यूजीसी ने 63 विश्वविद्यालयों को डिफॉल्टर घोषित किया, मान्यता रद्द होने का खतरा

    नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 63 विश्वविद्यालयों को नियमों का पालन न करने के कारण डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल कर दिया है। इनमें निजी, डीम्ड और सरकारी विश्वविद्यालय शामिल हैं जिन्होंने अभी तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की है। यूजीसी ने 2023 में छात्रों की शिकायतों के लिए शिकायत निवारण विनियम-2023 को अधिसूचित किया था, जिसके तहत सभी विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति की जानी है।