अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता समाप्त करने की तैयारी, भारतीय समुदाय पर पड़ेगा गहरा असर
वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा ऐलान करते हुए जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का फैसला लिया है। इस फैसले से अमेरिकी आव्रजन कानून में व्यापक बदलाव होगा और इसका सीधा असर उन लाखों बच्चों की नागरिकता पर पड़ेगा, जिनका जन्म अमेरिका में हुआ है लेकिन उनके माता-पिता वर्क वीजा पर वहां रह रहे हैं।
अमेरिका में करीब 48 लाख भारतीय रहते हैं। ट्रंप के इस प्रस्ताव से भारतीय समुदाय में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इससे वर्क वीजा पर अमेरिका में रह रहे भारतीय परिवारों के बच्चों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। अब तक अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को संविधान के 14वें संशोधन के तहत स्वचालित नागरिकता मिलती थी, लेकिन इस नए फैसले से यह अधिकार खत्म हो सकता है।
क्या है जन्मसिद्ध नागरिकता?
अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के अनुसार, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिक बन जाता है। इसी नियम का फायदा उठाने के लिए कई लोग अमेरिका आकर अपने बच्चों को जन्म देते हैं, जिसे बर्थ टूरिज्म कहा जाता है। ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है और इसे समाप्त करना जरूरी है।
ट्रंप के अन्य फैसले
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद कई बड़े बदलाव किए, जिनमें बाइडन प्रशासन के 78 फैसले पलटना शामिल है। इनमें:
जन्मसिद्ध नागरिकता खत्म करने का प्रस्ताव।
अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से बाहर निकालने की योजना।
6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल हमले के दोषियों को माफी देने का फैसला।
संभावित प्रभाव
अगर यह कानून लागू होता है, तो अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता तभी मिलेगी जब उनके माता-पिता अमेरिकी नागरिक होंगे या ग्रीन कार्ड धारक होंगे। इसका असर खासतौर पर भारतीय और अन्य प्रवासी समुदायों पर पड़ेगा, जो बच्चों के लिए बेहतर भविष्य की उम्मीद में अमेरिका आते हैं।
विवाद और चुनौतियां
ट्रंप का यह कदम अमेरिका और प्रवासी समुदायों में विवाद का विषय बन सकता है। इस प्रस्ताव को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून न केवल प्रवासी समुदायों के लिए मुश्किलें खड़ी करेगा, बल्कि अमेरिका की वैश्विक छवि पर भी असर डालेगा।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप का यह फैसला अमेरिकी आव्रजन नीतियों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। हालांकि, इस प्रस्ताव के लागू होने से पहले इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है। भारतीय प्रवासियों के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है, जो अपने बच्चों को अमेरिकी नागरिकता देने की उम्मीद में वहां रहते हैं।