AI के इस्तेमाल पर सख्त वित्त मंत्रालय
नई दिल्ली। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल को लेकर तेज होती चर्चाओं के बीच वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को कार्यालय के कंप्यूटर एवं अन्य उपकरणों में चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे एआई टूल एवं एप को डाउनलोड नहीं करने का निर्देश दिया है।यह कदम सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता से जुड़े जोखिम को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
मंत्रालय ने पिछले महीने अपने सभी विभागों को भेजे एक संदेश में कहा है कि कार्यालय के कंप्यूटर एवं फोन उपकरणों में एआई टूल और एआई एप के इस्तेमाल से सख्ती से परहेज किया जाना चाहिए। वित्त मंत्रालय के अनुसार कार्यालय के कंप्यूटर और उपकरणों में एआई टूल और चैटजीपीटी एवं डीपसीक जैसे एआई एप का इस्तेमाल सरकार, डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए जोखिम पैदा करते हैं।'डीपसीक ने पिछले हफ्ते अपने किफायती एआई टूल आर1 को पेश कर समूची दुनिया को अचरज में डाल दिया था। इससे चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई और एआई चिप बनाने वाली एनवीडिया को तगड़ा झटका लगा है।बता दें कि डीपीसीक की क्षमताओं की जांच में जुटे शोधकर्ताओं का मानना है कि यह चैटबॉट चीनी सत्ताधारी पार्टी का प्रोपोगैंडा और गलत जानकारी दे रहा है, जिससे वैश्विक जनता की राय पर इसके असर को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। न्यूजगार्ड और अन्य संगठनों के शोधकर्ताओं ने डीपसीक द्वारा दी गई गलत जानकारी, तथ्यों से छेड़छाड़ को दस्तावेज के रूप में सहेजा है। उदाहरण स्वरूप, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति कार्टर की ताइवान पर टिप्पणी और झिनजियांग के हालात पर जानकारी को लिया गया है।यह चैटबॉट ज्यादातर चीनी सरकार के विचारों को दोहराता है, फिर चाहे वो उइगरों का दमन हो या कोविड-19 महामारी। यह टिकटॉक के असर के बारे में चिंताओं को उठाने के साथ ही वैश्विक धारणाओं के लिए तकनीक का प्रयोग करने की चीन की रणनीति को उजागर करता है।