नयी दिल्ली, 21 अप्रैल संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार भारतनेट के साथ-साथ, मोबाइल सम्पर्क के विस्तार के अन्य कार्यक्रमों के अंतर्गत दिसंबर 2024 तक देश भर में लगभग 6,25,853 गांवों में मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध करा दी गयी थी जिसमें 6,18,968 गांवों में 4जी मोबाइल कवरेज पहुंच गया था।
मंत्रालय ने भारत नेट के बारे में प्रश्नोत्तर के रूप में सोमवार को बताया कि इस कार्यक्रम से औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ये प्रयास डिजिटल अंतर पूरा करने में भारतनेट के पूरक हैं।
डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने भारतनेट कार्यक्रम के तहत डिजिटल सेवाओं, डिजिटल गवर्नेंस तक पहुंच प्रदान कर हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में संदर्भ डेटा साझा करना, डिजिटल सामग्री साझा करना, डिजिटल सेवाओं का एकीकरण, जागरूकता और क्षमता निर्माण, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और आईसीटी बुनियादी ढांचे को शामिल करना शामिल है।
मंत्रालय ने कहा है कि सीएससी (कॉमन सर्विसेज सेंटर) ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड (सीएससी-एसपीवी) को वाई-फाई एक्सेस पॉइंट्स और एफटीटीएच कनेक्शन के माध्यम से जीपी में अंतिम बिंदु तक कनेक्टिविटी प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है। सितंबर 2024 तक, जीपी में 1,04,574 वाई-फाई एक्सेस पॉइंट और 11,41,825 एफटीटीएच कनेक्शन स्थापित किए जा चुके थे। सीएससी-एसपीवी ने जीपी से ओवरहेड ऑप्टिकल फाइबर बिछाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया।
भारतनेट भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसका उद्देश्य देश की सभी ग्राम पंचायतों (जीपी) को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान करना है। यह दुनिया की सबसे बड़ी ग्रामीण दूरसंचार परियोजनाओं में से एक है। इसका प्राथमिक उद्देश्य सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को निर्बाध ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी तक पहुंच प्रदान करना है।
मंत्रालय का कहना है कि यह परियोजना मोबाइल ऑपरेटरों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आईएसपी), केबल टीवी ऑपरेटरों और सामग्री प्रदाताओं जैसे एक्सेस प्रदाताओं को ग्रामीण और दूरदराज के भारत में ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा और ई-गवर्नेंस जैसी विभिन्न सेवाएँ शुरू करने में सक्षम बनाती है। इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना, समावेशी विकास को बढ़ावा देना और शहरी और ग्रामीण समुदायों के बीच विकास के अंतर को पाटना है।
आरबीआई ने तरलता मानकों को और मज़बूती देने के उद्देश्य से तरलता कवरेज अनुपात (LCR) ढांचे में संशोधन संबंधी अंतिम दिशा-निर्देश सोमवार को जारी कर दिए। ये दिशा-निर्देश 25 जुलाई, 2024 को जारी मसौदा परिपत्र के आधार पर तैयार किए गए हैं, जिसमें बैंकों और अन्य हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए गए थे।
मंत्रालय ने भारत नेट के बारे में प्रश्नोत्तर के रूप में सोमवार को बताया कि इस कार्यक्रम से औसत मोबाइल ब्रॉडबैंड स्पीड में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और ये प्रयास डिजिटल अंतर पूरा करने में भारतनेट के पूरक हैं।
कंपनी ने मंगलवार को बताया कि इस साझेदारी के तहत टीसीएस अपने वैश्विक स्तर पर सिद्ध टीसीएस बैंक्स ट्रेडिंग समाधान को तैनात करेगा। यह ग्राहकों के लिए बेहतर प्रदर्शन, स्थिरता और यूजर अनुभव सुनिश्चित करेगा।