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Dainik Vishwamitra

बुधवार ४ दिसंबर २०२४

श्रीकृष्णजन्मभूमि से शाही मस्जिद हटाने संबंधी मामले की सुनवाई 18 को



मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में सिविल जज सीनियर डिवीजन नेहा भदौरिया के अवकाश में होने के कारण शुक्रवार को हिंदू आर्मी द्वारा श्रीकृष्णजन्मभूमि की जमीन से शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने संबंधी दायर वाद में अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी निर्धारित की गई है।
वादी मनीष यादव के अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि अदालत ने वाद के प्रतिबन्धो और सीमाओं पर विस्तार से विचार करने के लिए आज की तारीख निर्धारित की थी तथा आज इस वाद के वादी मनीष यादव अदलत में मौजूद भी थे मगर पीठासीन जज के अवकाश पर होने के कारण अगली तारीख 18 जनवरी निर्धारित की गई है।
हिन्दू आर्मी चीफ मनीष यादव की ओर से इस आशय का एक नया वाद उनके अधिवक्ताओं के माध्यम से सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में 15 दिसम्बर को दायर किया गया था जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित हुए 1967 के समझौते को रद्द करने की मांग की गई थी। दावे की स्वीकार्यता पर निर्णय देने के लिए 22 दिसम्बर की तिथि निर्धारित की गई थी मगर उस दिन बार के पूर्व अधिवक्ता अजय पोइया के निधन के कारण अदालती कामकाज नही हुआ था। इसलिए वाद की स्वीकार्यता पर अगली सुनवाई के लिए चार जनवरी और फिर 15 जनवरी निर्धारित की थी।
वादी के अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि इस वाद में चेयरमैन यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, मैनेजिंग ट्रस्टी श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट एव शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव को पार्टी बनाया गया है। मनीष यादव का कहना था कि 1967 का समझौता रद्द होने के बाद ही शाही मस्जिद ईदगाह को हटाना पड़ेगा।
इससे पूर्व इसी मामले में दो और वाद दायर हो चुके हैं। जहां एक वाद लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री एवं अन्य की ओर से उनके अधिवक्ता हरिशंकर जैन आदि द्वारा सितम्बर महीने में दायर किया जा चुका है जिसमें श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13,37 एकड़ भूमि के कुछ भाग पर बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई है वही इसी प्रकार की मांग एक अन्य वाद में महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा पांच वादकारियों की ओर से 23 दिसम्बर 2020 को दायर वाद में की गई है।
इन दोनो वादों में 1967 के समझौते को रद्द करने एवं श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की जमीन के 13,37 एकड़ भूमि के कुछ भाग पर बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग की गई है।जहां रंजना अग्निहोत्री द्वारा दायर किये गए वाद की अगली सुनवाई 18 जनवरी को होगी वहीं महेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा दायर किये गए वाद की अगली तारीख 22 जनवरी निर्धारित की गई है।


भारत

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    मुंबई। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति की शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है। सभी की नजर इस बात पर है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर शिवसेना एकनाथ शिंदे को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही है, वहीं महायुति की रिकॉर्डतोड़ जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं। एनसीपी के नेता अजित पवार ने भी फडणवीस के नाम का समर्थन किया है

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    महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ, जबकि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण के मतदान के साथ 38 सीटों के लिए मतदान हुआ. सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे.