उत्तराखंड : जंगलों में रुक नहीं रहा आग का तांडव, वन विभाग ने बुझाने में लगाई ताकत >>>>>>>>> राज्यपाल ने राजभवन परिसर में पुलिस के प्रवेश पर लगाई रोक, वित्त मंत्री चंद्रिमा पर भी लगा 'प्रतिबंध' >>>>>>>>> माध्यमिक परीक्षा में जिलों ने मारी बाजी, कूचबिहार का चंद्रचूड़ टॉपर >>>>>>>>> टीएमसी ने कुणाल घोष लिया एक्शन, महासचिव पद से हटाया
Dainik Vishwamitra

शुक्रवार १७ मई २०२४

टिकैत के आंसू गेम चेंजर साबित हुए, पुलिस और प्रशासन वापस


 
गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन के नेता और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत के आंसू काम कर गए, उनकी अपील के बाद किसानों का हुजूम गाजीपुर पर एक बार फिर जमा हो गया। स्थिति को भाप कर जिला प्रशासन ने यू टर्न लेते हुए पुलिस की संख्या को नियंत्रित कर दिया।
गाजीपुर बॉर्डर पर शुक्रवार सुबह एक बार फिर आंदोलनकारियों की चहल कदमी बढ़ती भी नजर आने लगी है।
गत 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसक घटनाओं के बाद किसानों का मनोबल टूट गया था कई किसान पुलिस की प्राथमिकी के बाद गिरफ्तारी के डर से अपने-अपने स्थानों पर वापस लौटने लगे थे इसी बात का फायदा उठाकर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी किसानों को खदेड़ने की योजना पर काम शुरू कर दिया। गुरुवार सुबह से ही गाजीपुर बॉर्डर पर पुलिस का जमावड़ा यकायक बढ़ गया। इस दौरान पुलिस ने कई बार फ्लैग मार्च भी निकाला और किसानों को हल्के बल के साथ खदेड़ने का प्रयास भी किया। जिला प्रशासन ने किसानों को सीमा क्षेत्र खाली करने के लिए नोटिस भी दे दिया था इसके बाद कुछ पुलिसकर्मी राकेश टिकैत को मंच से हटाने के लिए पहुंच गए। हालांकि इससे पूर्व किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत आंदोलन को समाप्त किए जाने की सहमति व्यक्त कर चुके थे। लेकिन मंच पर पहुंची पुलिस और बलपूर्वक हटाने के प्रयास के बाद राकेश टिकैत के आंसू ने सारी बाजी पलट दी। टिकट के आंसू के बाद किसान यूनियन ने आंदोलन समाप्ति की सहमति को वापस लेकर इसे जारी रखने की घोषणा कर दी रातों रात पश्चिमी उत्तर प्रदेश कई के कई जनपदों से ट्रैक्टरों पर सवार होकर किसान नेता गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए। सुबह होते होते हजारों की संख्या में ट्रैक्टरों का रेला गाजीपुर पर जमा हो गया। आंदोलन स्थल पर मौजूद उन लोगों का कहना है कि उनके नेता के आंसू जाया नहीं जाएंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर देर रात पहुंचे किसानों का हुजूम खुले आसमान के नीचे सोने पर विवश रहा। यहां तक की कई किसान नेता मंच के सामने ही बिस्तर लगा कर लेटे हुए नजर आए।
इससे पूर्व बुधवार की शाम से ही जिला प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर लगाए गए सार्वजनिक चलते-फिरते शौचालय पानी की आपूर्ति एवं अन्य सुविधाएं हटा ली थी। इस घटना के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी अभी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है उनका केवल इतना ही कहना है की वह स्थिति का जायजा लेकर सरकार को सूचित करने का काम कर रहे हैं। (वार्ता)


भारत

  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जीएसटी के सभी मामलों में गिरफ्तारी जरूरी नहीं

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि जीएसटी के सभी मामलों में गिरफ्तारी की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंद्रेश और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने सीमा शुल्क अधिनियम एवं जीएसटी अधिनियम से संबंधित प्रविधानों की संवैधानिक वैधता एवं व्याख्या को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखा और कहा कि गिरफ्तारी की आवश्यकता से गिरफ्तारी की शक्ति अलग है।

  • ग्वालियर की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन

    श्रीमती सिंधिया के पार्थिव शरीर को अपराह्न तीन बजे से सात बजे के बीच 27 सफदरजंग स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और इसके बाद ग्वालियर ले जाया जाएगा।

  • नागरिकता संशोधन नियम के तहत नागरिकता प्रमाण पत्रों का वितरण शुरू

    केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि गत मार्च में सीएए से संबंधित अधिसूचना जारी किये जाने के बाद योग्य लोगों को नियमों के अनुसार नागरिकता प्रमाण पत्र का वितरण शुरू हो गया है।