जम्मू कश्मीर को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता : शाह
नई दिल्ली। सरकार ने जम्मू कश्मीर को खुशहाल और आत्मनिर्भर बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि केन्द्र शासित प्रदेशों - जम्मू कश्मीर और लद्दाख में तेजी से विकास कार्य हो रहा है इसलिए राजनीतिक लाभ के लिए जनता को गुमराह नहीं किया जाना चाहिए।
श्री शाह ने शनिवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद जो विकास हुआ है वह 70 साल में वह काम नहीं हुआ है। इस विधेयक के माध्यम से वहां प्रशासनिक तंत्र को मजबूत किया जा रहा है और जो लोग यह आशंका जता रहे हैं कि यह विधेयक वहां केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा और आगे बढाने वाला है उनकी आशंका निर्मूल है और इस विधेयक का इस तरह का कोई मकसद नहीं है।
गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर में 370 हटने के बाद से पंचायती राज शुरू हो गया है और 51.7 प्रतिशत लोगों ने वोटिंग में हिस्सा लेकर वहां खुशहाली कायम करने के लिए पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों के लिए अपने प्रतिनिधि चुनकर उनको अपनी खुशहाली का जिम्मा सौंप दिया है। बीडीसी अध्यक्ष को जिला अधिकारी की तरह ताकत दी गयी है और वह आतंकवादी घटना अथवा इसी तरह से पीडित किसी भी परिवार के लिए 25 लाख रुपए तक का आवंटन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 370 को हटे 17 माह हो चुके हैं और उस विपक्षी दल के सदस्य इस दौर में वहां के विकास कार्य का हिसाब मांग रहे जिन्होंने 70 साल तक वहां शासन किया है। उनका कहना था कि जम्मू कश्मीर में विकास कार्य होने के साथ ही लोगों को न्याय मिल रहा है। नौकरियां पहले की तरह अब चिट्टी लिखकर नहीं मिलती है इसके लिए बच्चों को भर्ती बोर्ड की परीक्षा पास करनी पडेगी और उन्हीं बच्चों को नौकरी मिलेगी जो योग्य होंगे। सरपंच भी जनता की सेवा करते हुए लोकसभा तक अपनी काबिलियत का रास्ता खोज सकता है जबकि 70 साल में सिर्फ तीन परिवारों तक ही यह अधिकार एक तरह से सीमित था।
विपक्षी दलों पर अपनी राजनीति के लिए जनता काे गुमराह नहीं करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि यह मामला उस राज्य के विकास से जुड़ा है जिसको राजनीति के कारण दशकों से आतंकवाद का दंश झेलना पड़ा है इसलिए इस पर अब राजनीति नहीं होनी चाहिए और जो सच्चाई है उसी पर बात कर जनता को सही संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुमराह करने की राजनीति करने वालों को यह भी समझ लेना चाहिए कि 370 की बहाली को आधार बनाकर चुनाव लड़ने का उनका सपना चकनाचूर हुआ है। (वार्ता)