राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर राष्ट्रपति कार्यालय के पास प्रदर्शन
कोलंबो। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे से इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों लोग शनिवार को राष्ट्रपति कार्यालय के पास गाले फेस में बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया।
इस बीच श्रीलंका की मौजूदा सरकार और विपक्ष द्वारा प्रस्तावित एक अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री पद के लिए पांच नामों का सुझाव आया है।
प्रधानमंत्री पद के लिए यूनाइटेड नेशनल पार्टी के रानिल विक्रमसिंघे, श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के निमल सिरिपाला डी सिल्वा, पाटली चंपिका रानावाका और समागी जन बलवेगा के फील्ड मार्शल सरथ फोंसेका के साथ-साथ 10 स्वतंत्र दलों से दुलास अल्हाप्परुमा को नामित गया है।
लोगों के बढ़ते विरोध के मद्देनजर गाले फेस ग्रीन और राष्ट्रपति सचिवालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वहीं सरकार के खिलाफ इस द्वीपीय देश के कई क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इस बीच बताया जा रहा है कि श्री विक्रमसिंघे ने कई यूरोपीय राजनयिकों से मुलाकात की है और उन्हें मौजूदा आर्थिक स्थिति से अवगत कराया है।
प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार यूएनपी नेता ने वरिष्ठ और कनिष्ठ सांसदों को शामिल करते हुए एक नई परिचालन सरकार बनाने के अपने विचार पर भी चर्चा की है, जिसमें 10 से अधिक सदस्य नहीं होंगे।
श्रीलंका के लोग देश की इस विकट स्थिति के लिए राष्ट्रपति राजपक्षे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने कहा, “उन्हें (श्री राजपक्षे) जाने की जरूरत है, उसने हमसे सब कुछ लूट लिया है। जो लोग आराम से जीवन जी रहे थे, उन्हें अचानक दिन में 13 घंटे तक की गंभीर बिजली कटौती, खाना बनाने के लिए गैस खोजने और अपने वाहनों के लिए पेट्रोल लेने के लिए लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में दवा खत्म हो रही है, और स्कूलों में परीक्षा के लिए कागज खत्म हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी हो गयी है और ईंधन तथा खाने-पीने के सामानों और दवाओं की भी किल्लत हो गयी है।