नयी दिल्ली, 05 जून लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बहुमत हासिल करने पर विश्व के अनेक देशों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जीत की बधाई दी है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के पूर्व सभापति एवं मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री शाहिद अब्दुल्ला, बारबाडोस के प्रधानमंत्री मिया अमोर मोटली, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, उपराष्ट्रपति हुसैन मोहामा लतीफ, जमैका के प्रधानमंत्री एण्ड्रयू हॉलनेस, इटली की प्रधानमंत्री जिआर्जिओ मेलोनी, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोब्गे, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजित प्रेमदास, पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे फील्ड मार्शल शरत फोन्सेका ने श्री मोदी को बधाई दी है।
श्री मोदी ने इन सभी नेताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके साथ मिल कर भारत एवं संबंधित देशों के साथ रिश्तों एवं सहयोग को प्रगाढ़ बनाने का संकल्प जताया है।
वॉशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिका की संघीय सरकार द्वारा गठित यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आयोग ने आरोप लगाया कि भारतीय खुफिया एजेंसी का संबंध सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिशों से है। रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा का भी जिक्र किया गया है।
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका को बदलने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। बढ़ती जनसंख्या, अव्यवस्थित शहरीकरण, ट्रैफिक जाम और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में ढाका अब रहने योग्य नहीं रह गया है और देश को एक नई राजधानी की आवश्यकता है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान को एक और बड़ी कूटनीतिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसान वगान को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें एयरपोर्ट से ही डिपोर्ट कर दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वगान लॉस एंजेलिस की निजी यात्रा पर थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इमिग्रेशन नियमों का हवाला देते हुए उन्हें देश में दाखिल होने से रोक दिया।