मोदी की पहल पर पुतिन ने रूस में फंसे भारतीय सैनिकों की बर्खास्तगी को मंजूरी दी
मास्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष रूसी सेना में भारतीयों के फंसे होने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद रूस ने रूसी सेना में कार्यरत सभी भारतीयों को बर्खास्त करने का निर्णय लिया। यह फैसला तब आया जब पता चला कि कई भारतीयों को धोखा देकर रूसी सेना में भर्ती कराया गया था। दर्जनों भारतीय रूसी सेना में फंसे हुए थे और कई रूस-यूक्रेन युद्ध में मोर्चे पर तैनात थे। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन के साथ निजी रात्रिभोज में यह मुद्दा उठाया, जिस पर पुतिन ने सभी भारतीयों को बर्खास्त करने और उनकी भारत वापसी में मदद करने पर सहमति जताई। अच्छी सैलरी का लालच देकर एजेंटों द्वारा करीब दो दर्जन भारतीयों को रूसी सेना में शामिल किया गया था, जिनमें से कुछ को यूक्रेन युद्ध में मोर्चे पर तैनात किया गया था। इस साल की शुरुआत में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें पंजाब और हरियाणा के कुछ लोगों को रूसी सेना की वर्दी में देखा गया था। इन भारतीयों ने दावा किया कि उन्हें यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए धोखा दिया गया था और सरकार से वतन वापसी की अपील की थी। इसके बाद भारतीय सरकार ने रूस के समक्ष यह मुद्दा उठाया और एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की। भारतीय जांच एजेंसियों ने ऐसे एजेंटों के गिरोह का भंडाफोड़ किया, जिन्होंने कम से कम 35 भारतीयों को रूस भेजा था। रात्रिभोज में पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को तीसरी बार निर्वाचित होने पर बधाई दी और भारतीय अर्थव्यवस्था की तरक्की की तारीफ की। पीएम मोदी सोमवार शाम दो दिवसीय दौरे पर मॉस्को पहुंचे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने सोमवार शाम को राष्ट्रपति पुतिन के आवास पर उनसे मुलाकात की और मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता और 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।