बीजिंग, 09 सितंबर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सोमवार को वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (डब्ल्यूपीके) के महासचिव और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के अध्यक्ष किम जोंग उन को उत्तर कोरिया की 76वीं स्थापना वर्षगांठ के अवसर पर बधाई संदेश भेजा।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव शी जिनपिंग ने बधाई संदेश में कहा कि पिछले 76 वर्षों में डब्ल्यूपीके के नेतृत्व में डीपीआरके के लोग एक होकर एकजुट हुए हैं और विभिन्न राष्ट्रीय मुद्दों के जोरदार विकास को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में कॉमरेड महासचिव किम ने डब्ल्यूपीके की आठवीं कांग्रेस और उसके सभी पूर्ण सत्रों के मार्गदर्शक सिद्धांतों को पूरी तरह से लागू करने में पार्टी और डीपीआरके के लोगों का नेतृत्व किया है और राष्ट्रीय निर्माण और विकास में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।”
श्री शी जिनपिंग ने कहा कि कॉमरेड महासचिव की अध्यक्षता वाले डब्ल्यूपीके के नेतृत्व में, डीपीआरके के लोग निश्चित रूप से डीपीआरके-शैली के समाजवाद को आगे बढ़ाने में नई और बड़ी जीत हासिल करेंगे।
वॉशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिका की संघीय सरकार द्वारा गठित यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आयोग ने आरोप लगाया कि भारतीय खुफिया एजेंसी का संबंध सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिशों से है। रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा का भी जिक्र किया गया है।
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका को बदलने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। बढ़ती जनसंख्या, अव्यवस्थित शहरीकरण, ट्रैफिक जाम और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में ढाका अब रहने योग्य नहीं रह गया है और देश को एक नई राजधानी की आवश्यकता है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान को एक और बड़ी कूटनीतिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसान वगान को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें एयरपोर्ट से ही डिपोर्ट कर दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वगान लॉस एंजेलिस की निजी यात्रा पर थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इमिग्रेशन नियमों का हवाला देते हुए उन्हें देश में दाखिल होने से रोक दिया।