नई दिल्ली। हाल ही में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एक प्रतिनिधिमंडल ढाका पहुंचा, जिससे भारत की सुरक्षा एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है। भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इसे गंभीर बताते हुए कहा कि बांग्लादेश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसकी धरती आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न हो।
सूत्रों के अनुसार, जनवरी में बांग्लादेश के सैन्य अधिकारी इस्लामाबाद गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान के चार वरिष्ठ सैन्य अधिकारी 21 जनवरी को ढाका पहुंचे, जिनमें आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम भी शामिल थे। दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच गुप्त बैठकें हुईं, जिस पर भारत की नजर बनी हुई है।
भारत के लिए सबसे बड़ी चिंता ‘चिकन नेक’ (सिलीगुड़ी कॉरिडोर) की सुरक्षा है, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों को शेष देश से जोड़ता है। पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश की बढ़ती नजदीकी इस क्षेत्र के लिए खतरा पैदा कर सकती है। इस घटनाक्रम को लेकर दिल्ली में उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं, और भारत जल्द ही बांग्लादेश के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को और मजबूत कर सकता है।
वॉशिंगटन/नई दिल्ली – अमेरिका की संघीय सरकार द्वारा गठित यूएस कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (USCIRF) ने भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। मंगलवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में आयोग ने आरोप लगाया कि भारतीय खुफिया एजेंसी का संबंध सिख अलगाववादियों की हत्या की साजिशों से है। रिपोर्ट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा का भी जिक्र किया गया है।
ढाका: बांग्लादेश की राजधानी ढाका को बदलने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है। बढ़ती जनसंख्या, अव्यवस्थित शहरीकरण, ट्रैफिक जाम और बुनियादी सुविधाओं की कमी ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। स्थानीय नागरिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान परिस्थितियों में ढाका अब रहने योग्य नहीं रह गया है और देश को एक नई राजधानी की आवश्यकता है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान को एक और बड़ी कूटनीतिक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। तुर्कमेनिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत के.के. अहसान वगान को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें एयरपोर्ट से ही डिपोर्ट कर दिया गया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वगान लॉस एंजेलिस की निजी यात्रा पर थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने इमिग्रेशन नियमों का हवाला देते हुए उन्हें देश में दाखिल होने से रोक दिया।